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समाज के महत्वपूर्ण अंग है सफाई कर्मी :- दान बहादुर सिंह महिला सफाई कर्मियों का हलछठ पर्व के पूर्व हुआ सम्मान।

समाज के महत्वपूर्ण अंग है सफाई कर्मी :- दान बहादुर सिंह
महिला सफाई कर्मियों का हलछठ पर्व के पूर्व हुआ सम्मान।

 

नगर पालिका परिषद सीधी के उपाध्यक्ष ने किया सम्मानित।

विराट वसुंधरा, ब्यूरो

सीधी:- सफाई कर्मी के बिना समाज अधूरा है इनको प्रोत्साहित करना चाहिए,सफाई कर्मियों का सम्मान सभी को करना चाहिए यह समाज के अंग हैं, शहर को स्वच्छ रखने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती हैं उक्त बातें नगर पालिका परिषद सीधी के उपाध्यक्ष वरिष्ठ कांग्रेस नेता दान बहादुर सिंह ने महिला सफाई कर्मियों को सम्मानित करते हुए कहा। दानबहादुर सिंह ने कहा कि त्यौहार के दिनों में हम सबके घर की महिलाएं नई साड़ी पहनतीं हैं और हर्षोल्लास के साथ पर्व मनाती हैं इसलिए मैंने सोचा कि इस बार मेरे नगर पालिका परिषद में बतौर सफाई कर्मी सेवा दे रही महिलाओं को साड़ी भेंट कर उन्हें सम्मानित किया जाय जिससे यह सम्मान उन्हें त्योहार में डबल खुशी दें। इसी उद्देश्य से सोमवार को अपने कक्ष में सभी महिला सफाई कर्मियों को साड़ी भेंट कर सम्मानित किया गया है। त्योहार के मौके पर सम्मान स्वरूप साड़ी पाकर महिला सफाई कर्मियों में खुशी देखी गई हैं। नपा उपाध्यक्ष द्वारा आयोजित महिला सफाई कर्मी सम्मान समारोह में नपा के वार्ड नं 02 के पार्षद एवं स्वक्षता समिति के अध्यक्ष विनोद मिश्रा, वार्ड नं 20 के पार्षद बाबूलाल कुशवाहा,वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह बोरा, सुरेश प्रताप सिंह, जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रामदुलारे चतुर्वेदी, सतानंद गौतम, चंदिका प्रसाद पाण्डेय, सहित नगर पालिका परिषद सीधी के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
*इनका हुआ सम्मान:-*
नगर पालिका परिषद सीधी के उपाध्यक्ष दान बहादुर सिंह ने परिषद में कार्यरत महिला सफाई कर्मियों को साड़ी भेंट कर सम्मानित किया। जिसमें गीता, सन्नो, मीना, मोती,राजरानी, सुनीता, फूलकुमारी,सीमा, सावित्री, सपना,सियाकुमारी, जुगुनू, उमा, ज्योति,अंजू,शांति, सविता, शांति, सुमन, कमला,रीतू, लीला,गीता,फूलमती,रामरती एवं मिश्रीलाल को साड़ी भेंट कर सम्मानित किया गया। हलछठ के एक दिन पूर्व त्योहार के मौके पर साड़ी पाकर सफाई कर्मियों में अत्यधिक खुशी देखी गई।
*हलछठ पर होती है विशेष पूजा:-*
हलछठ पूजा में भगवान शिव व माता पर्वती की मूर्ति बनाकर पूजा महिलाओं द्वारा की जाती है। पूजा आदि में केवल भैंस के दूध का उपयोग करने की परंपरा है। इस दिन भैंस के दूध से बने घी और दही का उपयोग पूजन आदि में किया जाता है। इस पर्व पर महुवा, आम, पलास की पत्ती, कांसी के फूल, नारियल, मिठाई, रोली-अक्षत, फल, फूल सहित अन्य पूजन सामग्री से विधि-विधान से पूजन करने का विधान है। शास्त्रों में मान्यता है कि संतान की रक्षा के लिए माताओं द्वारा यह व्रत करना श्रेष्ठ बताया गया है।

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